दोस्तों अगर आप ओ लेवल की तैयारी कर रहे है तो उसमे अक्सर what is Operating System in hindi ऑपरेटिंग सिस्टम से रिलेटेड सवाल पूछे जाते है | और ऐसे ऐसे सवाल आते है जिससे अपने अच्छे से नहीं पड़ा है तो पता होते हुए भी गलत हो जाते है | इसलिए आप इसके बारे में जरूर पढ़े practical के साथ साथ इसकी थ्योरी भी जानना जरुरी है | इसलिए हमारी टीम आपके साथ इस आर्टिकल को शेयर कर रहे है |
ओ लेवल के पेपर जून जुलाई में होते है इसलिए आप अभी से इसे तैयारी कर ले | आने वाले पेपर में आपकी पकड़ मजबूत होगी |
क्या क्या टॉपिक कवर करेंगे इसमें |
- क्या है ऑपरेटिंग सिस्टम?
- ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास
- ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य
- ऑपरेटिंग सिस्टम के विभिन्न प्रकार
- यूजर इंटरफ़ेस
- फ़ाइल प्रबंधन
- सिस्टम उपयोगिताएँ
- प्रक्रिया प्रबंधन
- मेमोरी प्रबंधन
- I/O प्रबंधन
- सुरक्षा
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? what is Operating System
ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) एक महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है जो कंप्यूटर के हार्डवेयर को प्रबंधित करता है और एप्लिकेशन्स को चलाने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है। यह सिस्टम यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच एक मध्यवर्ती का काम करता है और यूजर को कंप्यूटर पर काम करने के लिए आसान वातावरण प्रदान करता है। इसके बिना, कंप्यूटर के साथ आमतौर पर सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं किया जा सकता है। यह कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव में स्थापित होता है और सभी हार्डवेयर संसाधनों के साथ संवाद करता है और सॉफ्टवेयर को चलाता है। आजकल विभिन्न प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किए गए हैं जो विभिन्न उपयोगकर्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाए गए हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम के विभिन्न प्रकार (Types of Operating Systems)
ऑपरेटिंग सिस्टम के कई विभिन्न प्रकार हैं, जो विभिन्न उपयोगकर्ता समारोह और आवश्यकताओं के अनुसार विकसित किए गए हैं। नीचे कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:
a. Single-User, Single-Tasking Operating Systems (एकल उपयोगकर्ता, एकाधिकारी ऑपरेटिंग सिस्टम):
ये बुनियादी ऑपरेटिंग सिस्टम एक एकल उपयोगकर्ता के लिए बनाए गए होते हैं, जो एक समय में केवल एक प्रोग्राम चला सकते हैं। इस समूह में MS-DOS (Microsoft Disk Operating System) और पहले संस्करणों के एप्पल के Mac OS शामिल होते हैं।
b. Single-User, Multi-Tasking Operating Systems (एकल उपयोगकर्ता, बहु-कार्य Operating Systems):
एकल उपयोगकर्ता, बहु-कार्य ऑपरेटिंग सिस्टम एकल उपयोगकर्ता को एक समय में कई एप्लिकेशन चलाने की अनुमति देते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम टास्क्स के बीच चलने और CPU को विभिन्न प्रोग्राम्स को समय देने का प्रबंधन करता है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, macOS और विभिन्न लिनक्स संस्करण आधुनिक डेस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण हैं।
c. Multi-User Operating Systems (बहु-उपयोगकर्ता ऑपरेटिंग सिस्टम):
बहु-उपयोगकर्ता ऑपरेटिंग सिस्टम एक समय में एक से अधिक व्यक्ति को कंप्यूटर का उपयोग करने की अनुमति देते हैं। इनमें अधिक सुरक्षा सुविधाएं होती हैं जो सुनिश्चित करती हैं कि जानकारी निजी रहे और संसाधनों का उचित उपयोग हो। यूनिक्स और इसके उपशाखाएँ (लिनक्स, फ्रीबीएसडी, आदि) सर्वर्स और डेस्कटॉप्स में उपयोग होने वाले मिलते-जुलते उदाहरण हैं।
d. Real-Time Operating Systems (वास्तविक समय ऑपरेटिंग सिस्टम):
वास्तविक समय ऑपरेटिंग सिस्टम उन सिस्टमों के लिए बनाए गए होते हैं जिन्हें बाहरी घटनाओं का तुरंत प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता होती है। ये सिस्टम नियमित हवा, औद्योगिक स्वचालन, रोबोटिक्स, और अन्य ऐसे उपयोगों में उपयोग होते हैं जिन्हें त्वरित काम करने की आवश्यकता होती है। वास्तविक समय ऑपरेटिंग सिस्टम सुनिश्चित करते हैं कि कार्य नियमित समय पर होते हैं, जो इन परिस्थितियों में महत्वपूर्ण होता है।
e. Networking Operating Systems (नेटवर्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम):
नेटवर्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम उन्हें प्रबंधित करने के लिए बनाए गए होते हैं जो एक संबंधित कंप्यूटरों के नेटवर्क में संसाधनों को समन्वयित करते हैं। इन्हें नेटवर्क डिवाइसेज को संबोधित, फ़ाइलें साझा करने, और एक ही स्थान से प्रबंधित करने की अनुमति होती है। नोवेल नेटवेयर और विंडोज सर्वर इसके दो उदाहरण हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे काम करता है? (How does the operating system work?)
ऑपरेटिंग सिस्टम एक रिसोर्स मैनेजर के रूप में कार्य करता है। यह कंप्यूटर सिस्टम के अंदर के संसाधनों का प्रबंधन करता है, जैसे कि प्रोसेसर, मेमोरी, फाइलें, और I/O डिवाइस आदि। यह कंप्यूटर के सभी उपयोगकर्ताओं और सॉफ्टवेयर के लिए एक सामान्य इंटरफेस प्रदान करता है, जो संसाधनों का समय सारणी तैयार करता है और विभिन्न प्रोग्राम्स को समय-समय पर प्रोसेस करता है। यह कुछ मुख्य तत्वों द्वारा संभव होता है:
a. कर्नल (Kernel): कर्नल ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य भाग होता है। यह सभी समय कंप्यूटर के मेमोरी में रहता है और मेमोरी, सीपीयू, और पेरिफेरल डिवाइसेज जैसे सिस्टम संसाधनों का प्रबंधन करता है। यह सिस्टम कॉल्स (system calls) का भी संभालना करता है, जो प्रोग्रामों द्वारा विशेषाधिकारी कार्यों का अनुरोध करते हैं, जैसे कि डिस्क से पढ़ना और लिखना।
b. डिवाइस ड्राइवर (Device Drivers): डिवाइस ड्राइवर्स सॉफ्टवेयर कार्यक्रम होते हैं जो ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर डिवाइसों के बीच संवाद संभालते हैं। ये सामान्य ऑपरेटिंग सिस्टम के आदेशों को विशेष निर्देशों में बदलते हैं जिन्हें हार्डवेयर समझ सकता है। डिवाइस ड्राइवर्स के बिना, विभिन्न हार्डवेयर डिवाइसों के साथ ऑपरेटिंग सिस्टम का अच्छे से संवाद करना मुश्किल होता।
c. मेमोरी प्रबंधन (Memory Management): ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है। मेमोरी को अलग-अलग हिस्सों में विभाजित किया जाता है: कर्नल स्पेस और यूजर स्पेस। ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर प्रक्रियाओं को अलग-अलग रखता है ताकि एक प्रोग्राम दूसरे के मेमोरी को न बिगाड़ सके।
d. प्रोसेस प्रबंधन (Process Management): प्रोसेस प्रबंधन मल्टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण अंश है। ऑपरेटिंग सिस्टम प्रक्रियाएं (processes) बनाने, चलाने, और समाप्त करने के लिए जिम्मेदार होता है। यह प्रक्रियाओं को प्राथमिकता और निर्धारित समय अनुसार सीपीयू समय देता है और स्थायीकरण एल्गोरिदम का उपयोग करके टास्क के बीच स्विच करता है। इसके अलावा, यह प्रोसेस की स्थिति को सहेजने और पुनर्प्राप्त करने की प्रक्रिया को संभालता है (कांटेक्स्ट स्विचिंग)।
e. फाइल सिस्टम प्रबंधन (File System Management): फाइल सिस्टम प्रबंधन विभिन्न संगठन करता है और स्टोरेज उपकरणों पर फ़ाइलें संग्रहीत करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम के पास एक वृत्तात्मक फाइल सिस्टम संरचना होती है जिससे उपयोगकर्ताओं और एप्लिकेशन्स डेटा को संग्रहीत, पुनर्प्राप्त और प्रबंधित कर सकते हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Tasks that an Operating System Performs)
ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न कार्यों को पूरा करता है जो कंप्यूटर सिस्टम के उपयोगकर्ता और सॉफ्टवेयर को अनुमति देते हैं। कुछ मुख्य कार्य हैं:
- संसाधन प्रबंधन: ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी, प्रोसेसर, और I/O डिवाइसेज जैसे संसाधनों का प्रबंधन करता है और सिस्टम के सभी प्रोसेस और उपयोगकर्ताओं के बीच संसाधनों को संभालता है।
- प्रोसेस प्रबंधन: ऑपरेटिंग सिस्टम प्रक्रियाओं (processes) को बनाता, चलाता, और समाप्त करता है जो उपयोगकर्ता द्वारा आरंभ की जाती हैं।
- मेमोरी प्रबंधन: ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी को अच्छे से प्रबंधित करता है और प्रोसेसेज को मेमोरी में स्थान देता है ताकि वे सही समय पर काम कर सकें।
- फाइल सिस्टम प्रबंधन: ऑपरेटिंग सिस्टम फाइल सिस्टम को संभालता है, जो स्टोरेज मीडिया पर फ़ाइलें संग्रहीत करता है।
- नेटवर्किंग: यदि ऑपरेटिंग सिस्टम एक नेटवर्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम है, तो यह नेटवर्क संबंधित कार्य करेगा और संबंधित डेटा को संबोधित करने में मदद करेगा।
- सुरक्षा: ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोगकर्ता और सिस्टम को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है, जिससे कि केवल अधिकृत उपयोगकर्ता और प्रोग्राम ही संसाधनों और डेटा का उपयोग कर सकें।
इस तरह, ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के सभी तत्वों को अच्छे से प्रबंधित करता है और उपयोगकर्ता को सुविधा और सुरक्षा प्रदान करता है।
Read More:
Chapter 1: Introduction to Computers |
Chapter 2: Introduction to Operating Systems |
Chapter 3: Word Processing (LibreOffice Writer) |
Chapter 4: Spreadsheets (LibreOffice Calc) |
Chapter 5: Presentations (LibreOffice Impress) |
Chapter 6: Introduction to Internet, WWW, Basic of Computer Networks |
Chapter 7: Multimedia |
Chapter 8: Databases |
Chapter 9: Security |